Who Was Mumbai Cop Himanshu Roy: Netflix पर हंसल मेहता (Hansal Mehta) की Web Series Scoop रिलीज़ हुई है. इस सीरीज़ की कहानी जिग्ना वोरा (Jigna Vora) की किताब Behind The Bars In Byculla: My Days in Prison पर बेस्ड है. फ़िल्म में पत्रकार ज्योतिर्मय डे के मर्डर और हत्या की साज़िश में आरोपित जिग्ना वोरा की कहानी नज़र आती है. साथ ही, JCP श्रॉफ़ (JCP Shroff) भी नज़र आते हैं, जिनका क़िरदार हरमन बावेजा (Harman Baweja) ने निभाया है. अब सवाल ये है कि जिग्ना वोरा और ज्योतिर्मय डे की तरह क्या JCP श्रॉफ़ भी क्या कोई रियल लाइफ़ कैरेक्टर है? तो जवाब है ‘हां’. JCP श्रॉफ़ भी असली क़िरदार है, जिनका रियल लाइफ़ नाम हिमांशु रॉय था.

हरमन ने JCP श्रॉफ़ के रूप में मुंबई के शीर्ष पुलिस अधिकारी हिमांशु रॉय की भूमिका निभाई है. तो आइए जानते हैं कौन थे हिमांशु रॉय और उनका इस केस से क्या लेना-देना था.

कौन थे हिमांशू रॉय? (Who Was Mumbai Cop Himanshu Roy)

हिमांशु रॉय डायरेक्टर जनरल रैंक के आईपीएस अधिकारी थे. हिमांशु क्राइम ब्यूरो और आतंकवाद विरोधी दस्ते के चीफ़ भी रह चुके थे. रॉय ने उस समय कार्यभार संभाला था, जब दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी और छोटा राजन के गिरोह के गैंगस्टरों के बीच गैंगवार चल रही थी.

1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु रॉय ने कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच में अहम भूमिका निभाई थी. उनका नाम 2013 में स्पॉट फ़िक्सिंग मामले में बिंदु दारा सिंह की गिरफ्तारी, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर के ड्राइवर आरिफ के एनकाउंटर, लैला खान डबल मर्डर केस जैसे अहम मामलों से जुड़ा रहा. हिमांशु से आंतक से जुड़े कई मामलों का भी पर्दाफाश किया था.

रॉय को पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या का मामला सौंपा गया था, जिनकी 11 जून, 2011 को मुंबई के पवई इलाके में चार अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हिमांशु रॉय ने जिग्ना वोरा पर भी हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया. वोरा उस वक्त क्राइम रिपोर्टर थीं.

रॉय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयान दिया कि मुंबई पुलिस के पास वोरा के ख़िलाफ़ पुख़्ता सबूत थे और पुलिस के पास वोरा और छोटा राजन के बीच 36 फोन रिकॉर्ड के ट्रांसस्क्रिप्ट थे. दावा किया गया है छोटा राजन और जिग्ना वोरा के बीच कई बार बातचीत हुई है. हालांकि, चार्जशीट में राजन और जिग्ना वोरा के बीच हुई 36 फोन कॉल्स का कोई ट्रांसक्रिप्ट नहीं मिला. वोरा को 10 महीने हिरासत में रहने के बाद ज़मानत मिल गई और 2018 में उन्हें रिहा कर दिया गया.

कैंसर से पीड़ित थे हिमांशु रॉय

हिमांशु रॉय एक तेज़-तर्रार पुलिस ऑफ़िसर थे. उनकी पर्सनैलिटी भी देखने लायक थी. उनकी बॉडी देख कर कोई यक़ीन नहीं कर सकता था कि वो कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं. साल 2016 से ही वो मेडिकल लीव पर चल रहे थे.

मगर फिर 11 मई 2018 वो तारीख थी, जब पूरा देश शौक हो गया. देश का एक चर्चित आईपीएस अफ़सर आत्महत्या कर लेता है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी हिमांशु रॉय ने मुंबई स्थित अपने घर में दोपहर क़रीब 1.30 बजे अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

बताया गया कि लंबे समय से बीमारी के चलते वे डिप्रेशन के शिकार हो गए थे.

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